धार्मिक कथाएँ

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कथा

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कथा

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से द्वितीय ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह आंध्रप्रदेश के कुर्नूल जिले में स्थित है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ‘मल्लिका’ माता पार्वती का नाम है और ‘अर्जुन’ भगवान शिव का है। इस प्रकार सम्मिलित रूप से ज्योतिर्लिंग का नाम ‘मल्लिकार्जुन’ हो गया। इस ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव और देवी पार्वती दोनों की ज्योतियां प्रतिष्ठित हैं। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग शैल नामक पर्वत पर स्थित है। इसे श्रीशैल या श्रीशैलम भी कहा जाता है। …

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प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ ज्योतिर्लिंग

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की कथा

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर एक महत्वपूर्ण प्राचीन हिन्दू मंदिर है,  जहां स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की गणना 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में प्रभास पाटन के पास स्थित है। सोमनाथ को अनंत देवालय भी कहा जाता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने करवाया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। चन्द्रदेव का एक …

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शिव को महाकाल क्यों कहा जाता है?

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा

भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का स्थान तीसरा है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी के तट पर पवित्र उज्जैन नगर में स्थित है। उज्जैन का पुराणों और प्राचीन अन्य ग्रन्थों में ‘उज्जयिनी’ तथा ‘अवन्तिकापुरी’ के नाम से उल्लेख किया गया है। अवन्तिकापुरी की गणना सात मोक्षदायिनी पुरियों में की गई है – अयोध्या मथुरा माया काशी कांची ह्यवन्तिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः।। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत का एकमात्र …

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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का माहात्म्य

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा

ओंकारेश्वर भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जो नर्मदा और काबेरी (स्थानीय नदी) के संगम पर स्थित है। यहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह स्थान प्राचीन काल से ही तीर्थस्थल के रूप में प्रख्यात है। ओंकारेश्वर मंदिर पूर्वी निमाड़ (खंडवा) जिले में नर्मदा के दाहिने तट पर मंधाता द्वीप पर स्थित है जबकि बाएं तट पर ममलेश्वर है जिसे कुछ लोग असली प्राचीन …

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भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा

bhagwan Vishnu ka Vamana Avatar

हिंदू धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के अवतार लेने के कारण एवं उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं – परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम्।  धर्मसंस्थापनार्थय संभवामि युगे युगे।। अर्थात धर्म की स्थापना के लिए, साधु एवं सज्जन पुरुषों को परित्राण अर्थात मुक्ति प्रदान करने के लिए एवं दुष्टों का विनाश करने के लिए मैं विभिन्न युगों में उत्पन्न होता हूं।  विभिन्न पौराणिक …

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