व्रत-त्योहार

क्या है अक्षय तृतीया का महत्व? जानें इस व्रत की पूजा विधि 

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। अक्षय तृतीया को अक्षय तीज भी कहा जाता है। अक्षय का अर्थ है जिसका क्षय ना हो अर्थात जिसकी समाप्त नहीं होता हो। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन दिये हुए दान और किये गये स्नान, जप, होम, तर्पण आदि सभी कर्मों का फल अनंत होता है। वे सभी अक्षय (नष्ट न होने वाले) होते हैं। अक्षय तृतीया के व्रत को …

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महाशिवरात्रि व्रत में उपवास और रात्रि जागरण का क्या महत्व है?

महाशिवरात्रि व्रत का महत्व

किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मानी जाती है। किंतु माघ (फाल्गुन कृष्ण पक्ष) की चतुर्दशी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है और महाशिवरात्रि कही जाती है। गरूड़, स्कंद, पद्म, अग्नि आदि पुराणों में इसका वर्णन मिलता है। इस देश में जितने प्रकार के पूजा, व्रत, उपवास प्रचलित हैं, उनमें महाशिवरात्रि व्रत के समान महत्ता अन्य किसी की नहीं है। इस वर्ष 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि है। संपूर्ण भारत के स्त्री-पुरुष, …

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सूर्य उपासना का महापर्व : मकर संक्रांति

मकर संक्रांति शुभकामनाएं

सूर्य पर आधारित अनेक पर्वों व त्योहारों की कल्पना की गई है जिनमें एक मकर संक्रांति भी है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। संक्रांति का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना। यही क्रिया जब मकर राशि में होती है तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति से मकर राशिस्थ सूर्य उत्तर की ओर यात्रा प्रारंभ करता है जिसे सूर्य का उत्तरायण कहते हैं। इस …

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अनंत चतुर्दशी व्रत क्यों किया जाता है?

अनंत चतुर्दशी व्रत

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है। अनंत चतुर्दशी जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की उपासना का प्रतीक पर्व है। विष्णु पुराण में इस व्रत की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस व्रत के संबंध में यह लोककथा प्रचलित है कि जिस समय युधिष्ठिर अपना राज-पाट हार कर वनवास कर रहे थे तो भगवान कृष्ण उनसे मिलने …

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हरतालिका तीज व्रत कथा

Hartalika teej vrat katha

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। हरतालिका तीज व्रत विशेष रूप से स्त्रियों का व्रत है। हरतालिका तीज के दिन भगवान  शंकर और पार्वती का विधि अनुरूप पार्थिव पूजन किया जाता है।  हरतालिका शब्द हरत और आलिका शब्द से मिलकर बना है। हरत का अर्थ है हरण करना और आलिका का अर्थ है सखी। क्योंकि पार्वती जी को उनकी सखी के द्वारा हरण करके वन में ले …

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