सनातन धर्म के लक्षण
‘सनातन धर्म’ वह होता है जो देश, काल, जाति, अवस्था आदि मर्यादाओं से मर्यादित न होता हुआ मनुष्यमात्र के पास सदा रह सकता है। किसी देश का, किसी काल का, किसी जाति का अथवा किसी अवस्था का धर्म ‘सनातन धर्म नहीं हो सकता। जो सब देशों, सब कालों, सब जातियों और सब अवस्थाओं में मनुष्य के साथ रह सकता है वही सनातन धर्म है। इस आलेख में सनातन धर्म के लक्षणों का वर्णन किया गया …