भगवान विष्णु का बुद्ध अवतार

भगवान विष्णु का बुद्ध अवतार। क्या गौतम बुद्ध और भगवान बुद्ध एक ही हैं?

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भगवान विष्णु के 10 अवतारों में भगवान बुद्ध को 9वां और 24 अवतारों में 23वां अवतार माना गया है। भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार की कथा का उल्लेख कई महत्वपूर्ण हिंदू धर्म ग्रंथों एवं पुराणों में किया गया है। इनमें प्रमुख हैं – विष्णु पुराण, भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण, कल्कि पुराण, ललित विस्तार, श्रीमद् भागवत इत्यादि। इन धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि दैत्यों को वैदिक कर्मों से विमुख करने के लिए एवं युगीन धर्म की स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने बुद्ध का अवतार धारण किया।

भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार को लेकर विद्वानों के मध्य विचारों की भिन्नता की स्थिति है। इस संबंध में तीन तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं – 

  • 1. बौद्ध धर्मावलंबियों का मानना है कि बुद्ध विष्णु के अवतार नहीं हैं बल्कि बुद्ध स्वतंत्र हैं।
  • 2. कुछ हिंदू धर्मावलंबियों का मानना है कि बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध ही भगवान विष्णु के 9वें अवतार हैं।
  • 3. कुछ हिंदू धर्मावलंबी मानते हैं कि बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध और भगवान विष्णु के अवतार बुद्ध दोनों अलग-अलग हैं।

भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार और गौतम बुद्ध क्यों अलग-अलग हैं?

धर्म ग्रंथों में वर्णित भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार और बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुध से संबंधित तथ्यों के आधार पर यह विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है कि दोनों अलग-अलग हैं।  

इसमें कहा गया है कि भगवान बुद्ध की माता का नाम अंजना था जबकि गौतम बुद्ध की माता का नाम माया था। इसी प्रकार भगवान बुद्ध के पिता का नाम हेमसदन था जबकि गौतम बुद्ध के पिता का नाम शुद्धोधन था। वहीं, भगवान बुद्ध ब्राह्मण कुल में उत्पन्न हुए थे जबकि गौतम बुद्ध क्षत्रिय कुल में। इसी प्रकार तथ्यों की भिन्नता के आधार पर यह स्थापित किया गया है कि भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध अलग-अलग हैं, एक नहीं। भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध में अंतर से संबंधित तथ्यों को नीचे चार्ट में दिया गया है-

भगवान विष्णु क बुद्ध अवतार
भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध में अंतर

इस मान्यता पर विश्वास करने वाले लोगों का कहना है कि विष्णु के अवतारों में पहले बलराम तथा कृष्ण की गणना अलग-अलग की जाती थी परंतु बाद में आदि गुरु शंकराचार्य ने बलराम के स्थान पर बुद्ध को दशावतार में सम्मिलित कर दिया। वहीं कुछ लोग यह मानते हैं कि कवि जयदेव ने दशावतार में बुद्ध का नाम शामिल कर दिया जबकि उससे पहले बुद्ध का नाम दशावतार में शामिल नहीं था।

भगवान विष्णु ने बुद्ध अवतार क्यों लिया? 

जो इस मत पर विश्वास करते हैं कि भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध अलग-अलग हैं उनकी मान्यता है कि कलयुग में एक समय दैत्यों ने वेद पाठ करना आरंभ कर दिया, यज्ञ करना प्रारंभ कर दिया, देवताओं का पूजन करने तथा दान करने लगे। उन्होंने जनेऊ धारण कर स्वयं को ब्राह्मण घोषित कर दिया। इससे दैत्यों की शक्ति बहुत बढ़ गई। देवताओं को उनसे भय लगने लगा। 

इससे मुक्ति के लिए सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए। तब भगवान विष्णु दैत्य मलेच्छों को मोहित करने के लिए कीकट क्षेत्र में बुद्ध के रूप में अवतरित हुए। इस प्रकार सनातन धर्म के अंदर दैत्यों ने जिस प्रकार घुसपैठ कर रखी थी उससे मुक्ति दिलाने के लिए भगवान बुद्ध का अवतार हुआ। भगवान विष्णु ने बुद्ध का अवतार धारण कर दैत्यों को धर्म से विमुख किया और देवताओं के मान-सम्मान की रक्षा की तथा दैत्यों द्वारा धर्म से अनुचित लाभ प्राप्त करने के प्रयास को समाप्त किया।

भागवत के स्कंध एक के अध्याय 6 में इसका वर्णन मिलता है – 

ततः कलौ सम्प्रवृत्ते सम्मोहाय सुरद्विषाम्। 

बुद्धोनाम्नाजनसुतः कीकटेषु भविष्यति॥

अर्थात कलयुग में दैत्यों को मोहित करने के लिए भगवान विष्णु कीकट प्रदेश में अजन के पुत्र के रूप में प्रकट होंगे।

कीकट मगध का मध्य क्षेत्र या गया को माना गया है।

भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार और गौतम बुद्ध एक ही हैं

भगवान विष्णु के बुद्ध अवतार और गौतम बुद्ध एक ही हैं, ऐसा मानने वालों की मान्यता है कि नारद पांचरात्र एवं पद्म पुराण में वर्णित शिवप्रोक्त विष्णु सहस्त्रनाम के अंत में भगवान का एक नाम शौद्धोदनि (शुद्धोधन पुत्र) भी है।

भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व में इसका वर्णन है कि कलियुग की प्रार्थना पर भगवान विष्णु गौतम के नाम से अवतार लेकर बौद्ध धर्म का विस्तार करते हुए पटना चले गए। 

विष्णु धर्मेत्तर पुराण के अनुसार भगवान विष्णु कहते हैं कि मेरे द्वारा कलियुग में बुद्ध के रूप में धर्म का प्रवचन किया जाएगा एवं फिर विष्णुयशा के पुत्र कल्कि के रूप में मेरे द्वारा मलेच्छ राजाओं का वध किया जाएगा। 

स्कंद पुराण में महर्षि मारकंडे जब युधिष्ठिर से दशावतार का वर्णन करते हैं तो उसमें विष्णु के एक अवतार बुद्ध भी हैं। उसमें कहा गया है कि बुद्ध अवतार में भगवान का रूप शांत होगा और उस रूप के द्वारा वे संपूर्ण संसार को मोहित कर लेंगे।

गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार नहीं हैं

बौद्ध धर्म अवतारवाद में विश्वास नहीं करता है, न ही किसी ईश्वरीय सत्ता को मानता है। बौद्ध धर्मावलंबी इस बात से इनकार करते हैं कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं। बौद्ध धर्मावलंबी हिंदू धर्म परंपरा से गौतम बुद्ध को अलग करते हैं। बौद्ध धर्म ग्रंथों में गौतम बुद्ध के जीवन, उनसे जुड़ी घटनाओं और उनके उपदेशों का विशद वर्णन किया गया है। इन वर्णित तथ्यों के आधार पर बौद्ध धर्मावलंबी गौतम बुद्ध को हिंदू धर्म परंपरा से पृथक और स्वतंत्र मानते हैं। 

गौतम बुद्ध से संबंधित जानकारी के लिए निम्न आलेख देख सकते हैं –
हिंदू और बौद्ध दोनों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
भगवान विष्णु के दशावतार से जुड़े अन्य अवतारों का वर्णन निम्न आलेख में किया गया है –
विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा : हयग्रीव का वध और वेदों की रक्षा
भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की कथा
समुद्र मंथन की कथा
भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा
भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की कथा
भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा
भगवान विष्णु के परशुराम अवतार की कथा
भगवान विष्णु के कल्कि अवतार की कथा


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