Dr. Pawan kumar

भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा

bhagwan Vishnu ka Vamana Avatar

हिंदू धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के अवतार लेने के कारण एवं उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं – परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम्।  धर्मसंस्थापनार्थय संभवामि युगे युगे।। अर्थात धर्म की स्थापना के लिए, साधु एवं सज्जन पुरुषों को परित्राण अर्थात मुक्ति प्रदान करने के लिए एवं दुष्टों का विनाश करने के लिए मैं विभिन्न युगों में उत्पन्न होता हूं।  विभिन्न पौराणिक …

भगवान विष्णु के वामन अवतार की कथा Read More »

समुद्र मंथन की कथा

samudra manthan ki katha

समुद्र मंथन की कथा का वर्णन पुराणों में मिलता है। अमृत प्राप्ति के लिए देवताओं और असुरों ने मंदराचल पर्वत और वासुकि नाग की सहायता से क्षीरसागर का मंथन किया। समुद्र मंथन के लिए ही भगवान विष्णु द्वारा कूर्म अवतार धारण किया गया। समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को पीने के कारण भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया जिसके कारण वे नीलकंठ कहलाए। पद्म पुराण के स्वर्ग खंड, श्रीमद्भागवत के आठवें स्कंध, देवी …

समुद्र मंथन की कथा Read More »

पुराण के लक्षण कौन-कौन हैं?

हिंदू धर्म में 18 महापुराण हैं। पुराणों को विशिष्टता प्रदान करने के लिए उसके स्वरूप को लक्षणों के द्वारा अभिव्यक्त किया गया है। पुराण के 5 लक्षणों का वर्णन विभिन्न पुराणों में किया गया है। पुराण के लक्षण क्या हैं, यह समझने के लिए यह आवश्यक है कि इस विषय को समझा जाए कि पुराणों की रचना क्यों की गई।  भगवत्प्राप्ति के साधनों का जैसा समावेश पुराणों तथा उप पुराणों में किया गया है वैसा …

पुराण के लक्षण कौन-कौन हैं? Read More »

18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय 

18 puran ke naam

हिंदू धर्म ग्रंथों में पुराणों का विशेष महत्व है। छांदोग्य उपनिषद में पुराणों को पंचम वेद कहा गया है। वस्तुतः वेद, उपनिषद, दर्शन आदि अन्य धर्म शास्त्रों में वर्णित गूढ़ तथ्यों को सरल रूप में व्याख्यायित करने के लिए पुराणों की रचना की गई है जिससे साधारण मनुष्य धर्म व अध्यात्म संबंधी विषयों को सरलता से समझ सके। इस आलेख में 18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय दिया गया है।  हिंदू धर्म ग्रंथों …

18 पुराणों के नाम और उनका संक्षिप्त परिचय  Read More »

हरतालिका तीज व्रत कथा

Hartalika teej vrat katha

हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। हरतालिका तीज व्रत विशेष रूप से स्त्रियों का व्रत है। हरतालिका तीज के दिन भगवान  शंकर और पार्वती का विधि अनुरूप पार्थिव पूजन किया जाता है।  हरतालिका शब्द हरत और आलिका शब्द से मिलकर बना है। हरत का अर्थ है हरण करना और आलिका का अर्थ है सखी। क्योंकि पार्वती जी को उनकी सखी के द्वारा हरण करके वन में ले …

हरतालिका तीज व्रत कथा Read More »